तिरंगा
उड्ते रहें सदा उंचा मेरा तिरंगा
बेहते चले प्यार ,शांती ,अभीमान का गंगा
कण कण मे जगे प्रगती का आशा
दिल दिल में बसे स्वतंत्रता का भाषा
जले हर एक मन में गर्व की दिया
कभी न पड़े किसी आतंक की चाया
स्वाभिमान और न्याय बने देश की आस्था
धर्म और सत्य बने सबकी रास्ता
जागृत रहें हर साँस में प्रेम की क्रांति
भगाये उच्च , नीच ,क्रोध ,लोभ की भ्रान्ति
एकता की मन्त्र बने देश की आवाज
ऐसी नैतिक गणतंत्र ही धैर्य -शौर्य की राज
जगाते रहे साक्षरता की ज्ञान
झुकना न दे कभी माता की शान
गूंजे सभी सच्ची संविधान के तरंग
प्रेरित रहें हमेशा सर्व जय की उमंग